साठ के दशक की दूसरी छमाही, हिंदी फिल्म संगीत, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की संप्रभुता
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, वर्षवार, संगीत यात्रा (संगीत हिट फिल्में) की तुलना 1963 से 1993 तक अन्य समकालीन संगीत निर्देशकों की प्रमुख संगीत हिट फिल्मों के साथ की है। प्रत्येक वर्ष के तुलनात्मक विवरण के अंत में मैंने उन गीतों की सूची भी दी है, जिन्हें लक्ष्मीकांत-प्यारेलालने संगीतबद्ध किया गया है और फाइनल बिनाका गीतमाला स्टैंडिंग में नजर आए. फ़िलहाल हम साठ के दशक की, 1963 से – 1969 तक चर्चा करेंगे।
दिग्गज संगीतकारों, नौशाद, शंकर-जयकिशन, ओ पी नय्यर, मदन मोहन, ऐस डी बर्मन, रोशन, चित्रगुप्त, सलिल चौधरी, हेमंत कुमार, रवि, कल्याणजी-आनंदजी>>आदि की मौजुदगी में “पारसमणी” १९६३, से नौजवान संगीतकार की जोड़ी लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की धमाकेदार शुरुआत्त।
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल 1963
1963 में लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और “अन्य प्रमुख तत्कालीन संगीतकरों ” की संगीतमय हिट फिल्मे
शंकर-जयकिशन:–प्रोफेसर-हमराही-दिल एक मंदिर
रोशन:- -ताजमहल-दिल ही तो है
एस डी बर्मन:–बंदिनी-तेरे घर के सामने
नौशाद :– मेरे महबूब
रामलाल:- — सेहरा
रवि:-—गुमराह
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के पास सिर्फ दो फिल्में थीं “पारसमणी” और “हरिश्चंद्र तारामती”। ये फिल्में साल की आखरी तिमाही में रिलीज हुई थीं।
संगीत निर्देशक रोशन ने नौशाद की “मेरे महबूब” और शंकर-जयकिशन की “दिल एक मंदिर” को पछाड़ते हुए “ताज महल” के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक का पुरस्कार जीता।
१९६३ वार्षिक बिनाका गीतमाला (३२ गाने) और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल दो गाने।
नंबर 15 वो जब याद आये लता – रफ़ी.. “पारसमणी”
नंबर 06 हस्ता हुआ नूरानी चेहरा, लता – कमल बारोट “पारसमणी”

———————–
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल…1964
1964 में लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और “अन्य प्रमुख तत्कालीन संगीतकरों ” की संगीतमय हिट फिल्मे
शंकर-जयकिशन:- आई मिलन की बेला-राज कुमार-संगम
नौशाद:— लीडर
मदनमोहन:- वो कौन थी
ओपी नैयर:—कश्मीर की कली
रवि:- दूर की आवाज
रोशन:- चित्रलेखा
रामलाल:- गीत गया पत्थरोने
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल:– आया तूफान, मिस्टर एक्स इन बॉम्बे, सती सावित्री, संत ज्ञानेश्वर और दोस्ती।
फिल्मफेयर पुरस्कार:- नामांकन मदन मोहन (“वो कौन थी”), शंकर-जयकिशन (“संगम”) और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल (“दोस्ती”)। लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने “दोस्ती” के लिए अपना, पहला फिल्मफेयर पुरस्कार जीता।
१९६४ वार्षिक बिनाका गीतमाला और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के ४ गाने। .. (कुल 32 गाने)
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के पास “हरिश्चंद्र तारामती” के कुछ गीत हैं जो 1963 के अंत में रिलीज़ हुए थे।
नंबर 30 मैं एक नन्हा सा .. लता .. “हरिश्चंद्र तारामती”
नंबर 26 राही मनवा .. रफ़ी ..”दोस्ती”
नंबर 21 चाहूंगा मैं तुझे .. रफी .. “दोस्ती”
नंबर 06 मेरे महबूब क़यामत ..किशोर .. “मिस्टर एक्स इन बॉम्बे”

——————————————————
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल….1965
1965 में लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और “अन्य प्रमुख तत्कालीन संगीतकरों ” की संगीतमय हिट फिल्मे
आर डी बर्मन:-भूत बंगला।
कल्याणजी-आनंदजी:- हिमालय की गॉड मैं,- जब जब फूल खिले,-सहेली
शंकर-जयकिशन:- प्रोफेसर, आरज़ू
रवि:- —खानदान,—वक्त,
एस डी बर्मन:–तीन देवियां,–
रोशन:- भीगी रात
ओ पी नैयर:- मेरे सनम।
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल:- लुटेरा, श्रीमन फंताश, हम सब उस्ताद है, बॉक्सर।
संगीत निर्देशक रवि ने शंकर-जयकिशन की “आरज़ू” और कल्याणजी-आनंदजी की “हिमालय की गोद मैं” को पछाड़ते हुए “खानदान” के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत फिल्मफेयर पुरस्कार जीता।
१९६५ वार्षिक बिनाका गीतमाला और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के गाने। .. (कुल 32 गाने)
जबरजस्त छलांग लगाइ संत ज्ञानेश्वर के गाने ने, “ज्योत से ज्योत जगाते चलो”।
नंबर 29 खुदाया मोहब्बत ना होती .. रफ़ी … “बॉक्सर”
नंबर 25 कोई जब राह ना पाये..रफी..दोस्ती’
नंबर 24 नींद निग़ाहों की .. लता .. “लुटेरा”
नंबर 18 अजनबी तुम जाने…किशोर…हम सब उस्ताद हैं”
नंबर 04 ज्योत से ज्योत जगाते चलो … लता-मुकेश “संत ज्ञानेश्वर”
नंबर 02 चाहुंगा मैं तुझे….रफी “दोस्ती”

——————————————————
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल…1966
1966 में लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और “अन्य प्रमुख तत्कालीन संगीतकरों ” की संगीतमय हिट फिल्मे
खय्याम:- –आखरी खत
आर डी बर्मन:- तीसरी मंजिल, पति पत्नी।
रोशन:—दादीमा,-ममता
एस डी बर्मन:- मार्गदर्शक
शंकर-जयकिशन:- — सूरज,-लव ईन टोक्यो
मदन मोहन:- –मेरा सया
ओ पी नैय्यर:– ये रात फिर ना आएगा
रवि:- दस लाख, दो बदनियाँ
हेमंत कुमार:- –अनुपमा
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल:–मेरे लाल,- आए दिन बहार के,-प्यार किए जा,-आसरा,-सौ साल बाद,-लाडला,-दिल्लगी,-छोटा भाई..-नाग मंदिर।
इस साल से लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने शीर्ष स्थान हासिल करना शुरू कर दिया..उपरोक्त फिल्मों के गाने अभी भी लोकप्रिय हैं।
शंकर-जयकिशन “सूरज” के संगीत के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का पुरस्कार जीता, एस डी बर्मन की “गाइड” और रवि की “दो बदन” नामांकित किये थे ।
१९६६ वार्षिक बिनाका गीतमाला और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के गाने। .. (कुल 32 गाने)
नंबर 26 दिन जवानी की चार यार ..किशोर .. “प्यार किए जा”
नंबर 24 गोरे हाथो पर ना ज़ुल्म..रफ़ी..प्यार किए जा”
नंबर 20 पायल की झंकार रस्ते .. लता .. “मेरे लाल”
नंबर 14 ये आज कल के लड़के .. उषा “दिल्लगी”

——————————————————-
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल…1967
१९६७ में लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और “अन्य प्रमुख तत्कालीन संगीतकरों ” की संगीतमय हिट फिल्मे
शंकर-जयकिशन: – – छोटी सी मुलाकत, एन इवनिंग इन पेरिस, अराउंड द वर्ल्ड
आर डी बर्मन:- — बहारों के सपने
एस डी बर्मन:- — ज्वेल थीफ
रवि:- — हमराज़
कल्याणजी-आनंदजी:- –उपकार
रोशन:- –बहू बेगम, नूर-जहाँ
नौशाद:- –राम और श्याम
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल:- मिलन,-शागिर्द,-फर्ज,-पत्थर के सनम,-अनीता,-नाइट इन लंदन,-जाल,- तकदीर, छैलाबाबू, मिलन की रात।
यह एक लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, एल.पी. की एक “लहर” या “सुनामी” थी। “साप्ताहिक बिनाका गीत माला” 70% एल.पी. गीतों से भरा हुआ था.
“फ़र्ज़” सबसे पहली सफल गोल्डन जुबली ( ५० हफ्ते ) हिट फिल्म थी जिसने जीतेंद्र को एक स्टार बना दिया।बाद में “शागिर्द” ने भी भारत के बड़े बड़े शहरों में गोल्डन जुबली मनाई।”मिलन” के गानों ने देशभर में धूम मचाई।
सही मायने में साल 1967 लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल का है, उन्होंने न केवल हिंदी फिल्म संगीत में नंबर एक की स्थिति की पुष्टि की, बल्कि विविधता के साथ एक के बाद एक संगीतमय हिट फिल्में आयी.
इस विजयी उपलब्धि के बाद, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और सफलता बिना किसी रुकावट से अगले ३५ साल तक चली.
लक्ष्मीकांत-प्याारेलाल को “मिलन” के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का अपना दूसरा फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। कल्याणजी-आनंदजी को “उपकार” और रवि को “हमराज” के लिए नामांकन हुआ था.
अब यह वह समय था जब लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल का संगीत हर सफल फिल्म का एक अनिवार्य घटक बन गया। बड़े बैनर, प्रमुख निर्माता और निर्देशक चाहते थे कि लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ही उनकी फिल्मों के लिए संगीत दे।
१९६७ वार्षिक बिनाका गीतमाला और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के गाने। .. (कुल ३३ गाने)
लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के संगीत निर्देशन में मिलन के गीतों ने 1967 में पूरे देश में तहलका मचा दिया और बिनाका गीतमाला 1967 कोई अपवाद नहीं था।
नंबर 33 ये कली जब तलक ..लता – महेंद्र “आए दिन बहार के”
नंबर 24 माँ मुझे अपने आँचल .. लता .. “छोटा भाई”
नंबर 23 मैं देखु जिस और..लता..”अनीता”
नंबर 21 मेरा यार बड़ा शर्मिला .. रफी .. “मिलन की रात”
नंबर 17 मुबारक हो सबको..मुकेश..’मिलन’
नंबर 13 मेरे दुश्मन तू .. रफ़ी .. “आए दिन बहार के”
नंबर 07ना बाबा ना बाबा..लता..अनीता”
नंबर 06 हम तुम युग युग .. लता-मुकेश .. “मिलन”
नंबर 01 सावन का महिना ..लता-मुकेश .. “मिलन”

————————————————–
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल….1968
१९६८ में लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और “अन्य प्रमुख तत्कालीन संगीतकरों ” की संगीतमय हिट फिल्मे
शंकर-जयकिशन:–ब्रम्हाचारी,-झुक गया आसमान,-मेरे हुजूर,-शिकार
रवि:–नील कमल,-दो कलियां,-आंखे।
कल्याणजी-आनंदजी:- –सरस्वतीचंद्र
ओ पी नैयर:– कहीं दिन कहीं रात
आर डी बर्मन:- –पड़ोसन
उषा खन्ना :- फरेबी
सपन जगमोहन:- तेरी तलाश मैं
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल:–मेरे हमदम मेरे दोस्त,-इज्जत,-राजा और रैंक,-बहारों की मंजिल, रोम में जासूस।
इस साल (१९६८), शंकर-जयकिशन और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल गीतों के बीच एक अच्छी / तगड़ी संगीत प्रतियोगिता थी। संगीत की ताजगी के कारण लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के गीतोंका बोलबाला रहा.
हालांकि शंकर-जयकिशन ने रवि की “आंखें” और शंकर-जयकिशन की “दीवाना” को पछाड़ते हुए “ब्रह्मचारी” के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीता।
१९६८ वार्षिक बिनाका गीतमाला और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के गाने। .. (कुल 32 गाने)
नंबर 32 मस्त बहारों का मैं..रफ़ी..”फ़र्ज”
नंबर 24 छलकाए जाम..रफ़ी..’मेरे हमदम मेरे दोस्त’
नंबर 22 बड़े मियां दीवाने .. “शागिर्द”
नंबर 20 महबूब मेरे..लता-मुकेश..’पत्थर के सनम’
नंबर 16 मेरा नाम है चमेली .. लता .. “राजा और रैंक”
नंबर 14 चलो सजना .. लता .. “मेरे हमदम मेरे दोस्त”
नंबर 11 बता दू क्या लाना..लता..”पत्थर के सनम”
नंबर 01 दिल विल प्यार व्यार .. लता .. “शागिर्द”
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल…..1969
१९६८ में लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और “अन्य प्रमुख तत्कालीन संगीतकरों ” की संगीतमय हिट फिल्मे
चित्रगुप्त:- –वासना, –औलादी
शंकर-जयकिशन:- –कन्यादान, –राजकुमार
कल्याणजी-आनंदजी:–सुहाग रात,-हसीना मान जाएगी,-विश्वास,-महल
आर डी बर्मन:- वारिस, अभिलाषा, प्यार का मौसम।
मदनमोहन:- –चिराग
नौशाद:–साथी,-संघर्ष।
ओ पी नय्यर:– किस्मत, –हमसाया, –संबंध
रवि:- –एक फूल दो मलिक
एस डी बर्मन:- आराधना
रोशन:- — अनोखी रात
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल..वर्ष 1969 में 17 फिल्मों के लिए संगीत दिया..और उनके बनाए गए गीतों में से 90% हिट, यादगार, मधुर और अभी भी लोकप्रिय हैं … “आराधना” के गानो की लहर भी लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के गानों की सुनामी को भी कुछ खास नहीं कर सकी। एल.पी. के गीतों का जादू बरकरा रहा.
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की हिट फ़िल्में. — आया सावन झूम के, –इंतेक़ाम, –दो रास्ते, — जीने की राह, –धरती कहे पुकार के, –सत्यकम, –साजन, –प्यासी शाम, — जिगरी दोस्त, –आंसू बन गए फूल…
लक्ष्मी-प्यारे की ‘क्लीन स्वीप’ लगातार तीसरे साल जारी रही। लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के गाने और फिल्में आने वाले २५ सालों तक नियमितता के साथ चार्ट पर हिट होती रहीं।
और किशोर कुमार का युग की शुरआत। किशोर कुमार का युग भी अब शुरू हो गया है। लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने भी इस साल किशोर कुमार को कुछ अच्छे गाने दिए हैं। “दो रास्ते”, (खिजा के फूल) “आंसू बन गए फूल”, (जाने कैसा है मेरा दीवाना..आशा के साथ), और हृषिकेश मुखर्जी की “सत्यकाम” (जिंदगी है क्या, मुकेश, महेंद्र कपूर के साथ)…..
“जीने की राह” के सुपरहिट संगीत के लिए लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने अपनी तीसरी फिल्मफेयर पुरस्कार ट्रॉफी जीती।
एस डी बर्मन की “आराधना” और शंकर-जयकिशन की “चंदा और बिजली” के लिए नामांकन हुआ था.
१९६९ वार्षिक बिनाका गीतमाला और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के गाने। .. (कुल 32 गाने)
नंबर 31 वो कौन है .. लता-मुकेश … “अंजना”
नंबर 25 महबूबा महबूबा .. रफ़ी .. “साधु और शैतान”
नंबर 23 रेशम की डोरी..लता-रफ़ी..’साजन’
नंबर 22 रुक जा जरा … लता .. “इज्जत”
नंबर 19 आया सावन झूम के..लता-रफी..आया सावन झूम के’
नंबर 18 बड़ी मस्तानी है..रफ़ी..’जीने की राह’
नंबर 16 दिल में क्या है..लता-रफ़ी..’जिगरी दोस्त’
नंबर 12 एक तेरा साथ. लता-रफ़ी.. “वापस”
नंबर 09 जे हम तुम चोरी से..लता-मुकेश.. “धरती कहे पुकार के”
नंबर 06 आ मेरे हमजोली आ..लता-रफी..’ जीने की राह’
नंबर 01 कैसे रहूं चुप, .. लता .. “इंतेकाम”
अजय पौंडरिक
वड़ोदरा
Dear sir
Like you myself also a great fun of Laxmikant Pyarelal
I got his 515 films music on my tab .
Thanks for sharing all information to funs like us
LikeLike
Call me 9879554755
LikeLike
Call me 9879554755
LikeLike